Mark 12:13-17

लगान देवई के बारे म सवाल

(मत्ती 22:15-22; लूका 20:20-26)

13बाद म, ओमन यीसू ला गोठ म फंसाय बर कुछू फरीसी अऊ हेरोदी मन ला ओकर करा पठोईन। 14ओमन आके ओकर ले कहिन, “हे गुरू! हमन जानत हवन कि तेंह सत मनखे अस। अऊ काकरो परवाह नइं करस, काबरकि तेंह मनखे के मुहूं देखके नइं गोठियावस, पर परमेसर के रसता ला सही-सही बताथस। हमन ए जाने बर चाहथन कि – का महाराजा ला लगान देवई सही ए या गलत? 15हमन ला लगान देना चाही या नइं देना चाही?”

यीसू ह ओमन के कपट ला जानके ओमन ला कहिस, “तुमन काबर मोला फंसाय के कोसिस करत हव? मोर करा एक ठन चिल्‍हर पईसा लानव कि में देखंव।”
16ओमन पईसा ला लानिन अऊ ओह ओमन ले पुछिस, “एम काकर मूरती अऊ नांव लिखाय हवय?”

ओमन कहिन, “महाराजा के।”

17तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “जऊन ह महाराजा के अय, ओला महाराजा ला देवव अऊ जऊन ह परमेसर के अय, ओला परमेसर ला देवव।” एला सुनके ओमन अब्‍बड़ चकित हो गीन।

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